देश के छात्रों के बीच प्रसिद्ध शिक्षक खान सर के संघर्ष की कहानी बेहद प्रेरित करने वाली है। उन्होंने एक बच्चे को होम ट्यूशन देकर अपने टीचिंग करियर की शुरुआत की और आज लाखों बच्चों को पढ़ा रहे हैं। देश में सिविल सर्विस की तैयारी करने वाले छात्रों के बीच ‘खान सर’ का नाम काफी लोकप्रिय है। पटना वाले खान सर अपने खास अंदाज में पढ़ाने के लिए जाने जाते हैं।
पटना वाले खान सर |
खान सर के टीचिंग प्रोफेशन का सफर भी आसान नहीं रहा। अपनी कोचिंग क्लास चलाने के लिए उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यूट्यूब पर एक वीडियो में खान सर ने स्वयं अपने संघर्ष और सफलता की कहानी सुनाई। आइये जानते हैं आखिर कैसे उन्होंने यह बड़ा मुकाम हासिल किया।
खान सर के अनुसार, उनका बचपन गरीबी में गुजरा। हालात ऐसे थे कि उन्हें हर चीज लिमिट में मिलती थी। जब वे स्कूल जाते थे तो उन्हें आधी पैंसिल दी जाती थी।
हालांकि, हर युवा की तरह खान सर भी पढ़-लिखकर कुछ बनना चाहते थे. इसी हसरत में उन्होंने सेना में भर्ती होने के लिए एग्जाम दिया, लेकिन सफल नहीं हो सके। इसके बाद इंजीनियरिंग और एनडीए का एग्जाम भी दिया, लेकिन मेडिकली अनफिट होने के कारण सिलेक्ट नहीं हो सके। फिर उन्होने जेसबी चलाना और वेलडींग मशीन चलाना सिखे ताकी विदेश जाकर कुछ पैसा कमा सके । लेकिन बीएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद खान सर को उनके दोस्त हेमंत ने पढ़ाने का आइडिया दिया।
जिसके बाद खान सर ने एक बच्चे को घर पर पढ़ाना शुरू किया और वह बच्चा स्कूल में टॉप कर गया। इस सफलता से प्रेरित होकर उन्होंने अन्य बच्चों को भी पढ़ाना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे उन्हें खान सर के तौर पर प्रसिद्धि मिलती गई।
इसके बाद उन्होंने कोचिंग सेंटर मे पढ़ाना शुरु किया लेकिन वहां पर बच्चो से ज्यादा फिस लेने के लिए खान सर से बोला गया जिससे खान सर वहां से पढ़ाना छोड दिए । इसके बाद उन्होंने कुछ लोगों की सहायता से अपना कोचिंग सेंटर चालू किए । लेकिन पॉपुलेरिटी मिलने पर उन लोगों ने खार सर की कोचिंग सेंटर हड़पने की कोशिश की। इससे वे बुरी तरह परेशान हो गए, पर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। हालांकि, चुनौतियां फिर भी कम नहीं हुई। एक बार तो कोचिंग मे ही खान सर के ऊपर बंम फेक दिया गया था पर बंम को भी पता था कि शिछक की इज्जत कि जाति है। फिर कुछ बिगाड़ नहीं सके।
इनका असली नाम क्या है इस बात को लेकर भी काफी विवाद होता रहता है। असल में खान सर अपना पूरा नाम कभी न लिखा है और न बताया है। अफवाहों की माने तो कुछ लोग उनका नाम अमित सिंह तो कुछ लोग फैसल खान बताते हैं खान सर ने तो विवेक बिंदरा के एक शो मे अपना नाम "राम मुहम्द सिंह आजाद" बताए है।
उन्हें सबसे ज्यादा शोहरत कोरोना काल में मिली जब उन्होंने ऑनलाइन कोचिंग देना शुरू किया।
यूट्यूब पर खान सर के आधिकारिक यूट्यूब चैनल Khan GS Research Centre के 2 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वे हर महीने यूट्यूब से 10-12 लाख रुपये कमाते हैं। उनके शोहरत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वे केबीसी, कपिल शर्मा शो समेत कई न्यूज चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा ले चुके हैं।
कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन में उन्होंने खान जीएस रिसर्च सेंटर (Khan GS Research Centre) के नाम से एक यू-ट्यूब चैनल शुरु किया। जिसे बहुत कम समय में ही लगभग 1.45 करोड़ फॉलोअर्स ने सब्सक्राइब किया और खान सर देखते ही देखते भारत के एक लोकप्रिय शिक्षक के रुप में उभरे। भारत के साथ दुसरे कई देशो के छात्र भी पढ़ रहे है जिसकी बजह से खान जीएस रिसर्च सेंटर को "Khan Global Studies" करना पड़ा। UPSC की फीस 2.5 लाख वाला कोर्स सिर्फ 7,500 रुपये में आनलाईन करवाते है।
वे GS और Current Affairs के टॉपिक्स को अनोखे ढ़ंग और बोलचाल की भाषा में समझाते हैं कि लोग उनके एक ही वीडियो को कई बार देखना पसंद करते हैं।
उनका जन्म दिसंबर 1993 में गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था ।
बिहार के पहले सीएम और बिहार केसरी के नाम से जाने-जाने वाले श्रीकृष्ण सिंह की 136 वीं जयंती के अवसर पर राज्य के साथ ही देश के फेमस टीचर खान सर को बिहार केसरी पुरस्कार से नवाजा गया है।
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